🌳 श्रीकृष्ण, गोपियाँ एवं अगस्त ऋषि 🌳
एक बार गोपियों ने श्री कृष्ण से कहा कि, ‘हे कृष्ण हमे यमुना पार अगस्त् ऋषि जी को भोजन कराने जाना है, और यमुना जी में बाढ़ आई हुई जल बहुत अधिक है | अब आप बताओ हम कैसे जाएं? भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों से कहा कि, तुम यमुना जी के समीप जाओ और उनसे कहना कि, हे यमुना जी अगर श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्मचारी है तो हमें उस पार जाने के लिए मार्ग दो | गोपियाँ हंसने लगी कि, लो 16 हज़ार 108 पत्नियों वाले ये कृष्ण भी अपने आप को ब्रह्मचारी समझते है, सारा दिन तो हमारे पीछे पीछे घूमते थे, हमे छेड़ते थे..कभी हमारे वस्त्र चुराते थे कभी मटकिया फोड़ते थे…चलो ये भी बोल के देख लेते हैं | गोपियाँ यमुना जी के समीप जाकर कहती है, हे यमुना जी अगर श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्मचारी है तो हमे रास्ता दें, और गोपियों के कहते ही यमुना जी ने रास्ता दे दिया | गोपियाँ तो सन्न रह गई ये क्या हुआ ? कृष्ण ब्रह्मचारी ? !!! अब गोपियां अगस्त् ऋषि को भोजन करवा कर वापस आने लगी तो उन्होंने अगस्त् ऋषि से कहा कि, अब हम घर कैसे जाएं ? यमुनाजी बीच में है | अगस्त ऋषि ने पूछा इस पार कैसे पहुंची..? गोपियों...